टोक्यो 2020 ओलंपिक में इतिहास रचने वाली भारतीय टीम का अहम खिलाडी ललित उपाध्याय ने लिया सन्यास

नई दिल्ली

अनुभवी फॉरवर्ड ललित उपाध्याय ने एक दशक से भी अधिक समय तक चले अपने शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया है. वह टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य रहे.

गोल करने की असाधारण क्षमता वाले ललित ने सीनियर स्तर पर भारत के लिए 183 मैच खेले, जिनमें 67 गोल दागे. इस 31 साल के खिलाड़ी ने भारतीय टीम के लिए अपना अंतिम मैच 15 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला.

ओलंपिक में दो पदक जीतना ललित उपाध्याय के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि रही. उन्होंने 2014 में वर्ल्ड कप में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में डेब्यू किया था. वह टोक्यो 2020 ओलंपिक में इतिहास रचने वाली भारतीय टीम का अहम हिस्सा थे. भारत ने तब लंबे समय के बाद ओलंपिक में पदक जीता था. भारत ने 2024 में पेरिस ओलंपिक खेलों में फिर से कांस्य पदक जीता और ललित इस टीम में भी थे. 

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ललित ने बेल्जियम के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग 2024-25 सीजन के यूरोपीय चरण के भारत के अंतिम मैच के तुरंत बाद जारी की गई पोस्ट में अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने का ऐलान किया.

उन्होंने कहा, ‘यह सफर एक छोटे से गांव से शुरू हुआ, जहां संसाधन बहुत कम थे, लेकिन सपने अनंत थे.’ ललित ने लिखा, ‘स्टिंग ऑपरेशन का सामना करने से लेकर एक बार नहीं, बल्कि दो बार ओलंपिक पोडियम पर पहुंचने का यह सफर चुनौतियों, विकास और कभी  गौरव से भरा रहा.’

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उन्होंने कहा, ‘26 साल के बाद अपने शहर से पहला ओलंपियन बनना ऐसी बात है जिसे मैं हमेशा पूरे सम्मान के साथ संजोकर रखूंगा.’

ललित के भारतीय हॉकी में योगदान का जिक्र करते हुए हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा, ‘वाराणसी की संकरी गलियों से निकलकर दो बार ओलंपिक पोडियम पर खड़े होने तक का उनका सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं.'

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ललित ने ओलंपिक के अलावा 2016 में एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी और 2017 में एशिया कप में भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. इसके अलावा 2017 हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल में कांस्य, 2018 चैम्पियंस ट्रॉफी में रजत, 2018 एशियाई खेलों में कांस्य और 2018 एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में स्वर्ण पदक शामिल हैं.

वह एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरे स्थान पर रहने वाली और 2022 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे.ललित को 2021 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

 

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